Wednesday, April 23, 2008

मेरी पसंद ....


मुझे पुकार लो
इसीलिए खड़ा रहा कि तुम मुझे पुकार लो!
ज़मीन है न बोलती न आसमान बोलता,
जहान देखकर मुझे नहीं जबान खोलता,
नहीं जगह कहीं जहाँ न अजनबी गिना गया,
कहाँ-कहाँ न फिर चुका दिमाग-दिल टटोलता,
कहाँ मनुष्य है कि जो उमीद छोड़कर जिया,
इसीलिए खड़ा रहा कि तुम मुझे पुकार
इसीलिए खड़ा रहा कि तुम मुझे पुकार लो!
तिमिर-समुद्र कर सकी न पार नेत्र की तरी,
विनष्ट स्वप्न से लदी, विषाद याद से भरी,
न कूल भूमि का मिला, न कोर भोर की मिली,
न कट सकी, न घट सकी विरह-घिरी विभावरी,
कहाँ मनुष्य है जिसे कमी खली न प्यार की,
इसीलिए खड़ा रहा कि तुम मुझे दुलार लो!
इसीलिए खड़ा रहा कि तुम मुझे पुकार लो!
उजाड़ से लगा चुका उमीद मैं बहार की,
निदघ से उमीद की बसंत के बयार की,
मरुस्थली मरीचिका सुधामयी मुझे लगी,
अंगार से लगा चुका उमीद मै तुषार की,
कहाँ मनुष्य है जिसे न भूल शूल-सी गड़ी
इसीलिए खड़ा रहा कि भूल तुम सुधार लो!
इसीलिए खड़ा रहा कि तुम मुझे पुकार लो!
पुकार कर दुलार लो, दुलार कर सुधार लो!
- बच्चन

6 comments:

Piyush (पश्चिम का सुरज) said...

उजाड़ से लगा चुका उमीद मैं बहार की,
निदघ से उमीद की बसंत के बयार की,
मरुस्थली मरीचिका सुधामयी मुझे लगी,
अंगार से लगा चुका उमीद मै तुषार की,


bahut sundar likha hai ..

Satish Saxena said...

बच्चनजी का प्रसिध्ध अमर गीत ! बहुत पुरानी यादें ताजा हो गई !

vijay kumar sappatti said...

bacchan ki rachan padkar man ko badi khusi hui .

kabhi mere blog par aayienga ,kuch kavitayen likh leta hoon ..

vijay
poemsofvijay.blogspot.com

RAJ SINH said...

aapne fir ek baar yug peeche pahuncha diya smritiyon ke dwar par . sukhad laga ki aaj kee peedhee bhee us kavya sukh ko bhog patee hai .
aise hee sunatee raho..........tum mujhe dular lo .dular kar sudhar lo !

jai pratap singh said...

सुप्रिया जी,
आपने एक कविता के माध्यम से लोगों तक जो विचार पहुंचाने काम किया है , वह सरानीय योग्य है। मैं चाहता हूं कि आप जिस क्षेत्र के रहने वाले हैं, उस पर भी शब्द चित्र, कबिता या कहानी जरूर लिखें। यदि कोई लिखा हो तो कृपया ई-मेल से सूचना दें। क्योंकि मैं देश के हर राज्यों की मिट्टी की खुशबू और लागों के दुखदर्द से परिचित होना चाहता हूं।
जय प्रताप सिंह
मोबाइल नंबर- 9540374204
E-mail------- jaipratapsingh80@gmail.com
MERA BLOG---------- ukaabthegreatbird.blogspot.com

भावों के आइने said...

Nice collection